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-:मनुष्य जीवन:-

मनुष्य का जीवन इतना सरल नहीं है, अतः मनुष्य के जीवन चिंता, तनाव क्रोध आदि से भरा हुआ है, परन्तु यदि मनुष्य चाहे तो उसे सरल बना सकता है, अपने प्रयासों से I
बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि गीता में जीवन का सार है. श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध में अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे उस युद्ध को जीतना पार्थ के लिए आसान हो गया. यहां दिए गए गीता के कुछ उपदेशों को अपने जिंदगी में शामिल करके आप भी अपने लक्ष्य को पाने में सक्षम होंगे I

   1. गुस्से पर काबू :-
 “क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क   नष्ट हो जाता है. जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है.”
      2.   देखने का नजरिया  :-
           जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है.”
      3.   मन पर नियंत्रण :-
      “जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है.”
     4.   खुद का आकलन :-
आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशासित रहो,”
     5.   खुद का निर्माण :-
     “मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है. जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है.”
    6.    हर काम का फल मिलता है :-
     “इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है.”
    7.   प्रैक्टिस जरूरी :-
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता  है.”
    8.   विश्वास के साथ विचार : -
“व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.”

    9.    दूर करें तनाव :-
अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है.”
   10.   अपना काम पहले करें :-
“किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े.”
   11.   इस तरह करें काम :-
“जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है.”
    12.   काम में ढूंढें खुशी :-
जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं.”

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