1.एक तो तुम हसीन इतने हो, उस पर अलफ़ाज़ भी रखते हो,
तुम ही कहो कोई क्यों ना दिल हारे, दिलकश शायराना अंदाज़ भी रखते हो।
2.जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं, वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा है, हम सच मान कर ऐतबार करते हैं..
3.कहने वालों का कुछ नहीं जाता, सहने वाले कमाल करते हैं
कौन ढूंढें जवाब दर्दों के, लोग तो बस सवाल करते हैं..
4.रात को जब चाँद सितारे चमकते हैं, हम हरदम फिर तेरी याद में तड़पते हैं,
आप तो चले गए हो छोड़कर हम को, मगर हम मिलने को तरसते है।
5.खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है,जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है ।
कुछ लोग जिंदगी मे मिलते है ऐसे, जिससे कभी ना टूटने वाला रिस्ता बन जाता है।।
6.अब ये न पूछना की . .ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ ,
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के ,कुछ अपना हाल सुनाता हूँ |
7. डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गईमेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर.!
8.मंजिले बहुत है और अफ़साने भी बहुत है,जिंदगी की राह में इम्तिहान भी बहुत है,
मत करो दुःख उसका जो कभी मिला नहीदुनिया में खुश रहने के बहाने भी बहुत है।
9.फूलों की तरह जब होंठों पे इक शोख़ तबस्सुम बिखरेगा धीरे से तुम्हारे कानों में इक बात पुरानी कह देंगे
10.टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी, मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से, के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी..
11.घर बना कर मेरे दिल में, वो चली गई है, ना खुद रहती है, ना किसी और को बसने देती है..
12.जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा…जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा…
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता, यारों…जो जलेगा उसी दिये में तो, उजाला होगा…।
13.वो चाहते है जी भर के प्यार करना, हम सोचते है,वो प्यार ही क्या जिससे जी भर जाये..
14.हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर, तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये..अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..
15.कभी किसी से प्यार मत करना!हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
16.काश तू मुझसे बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे,जब मै रुठु तो तू मुझे मना ले !
अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का, कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है!
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!!
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!!
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!!
ये तो इश्क़ का कोई लोकतंत्र नहीं होता, वरना रिश्वत देके तुझे अपना बना लेता!!17.आज मेरा दोस्त मुझसे रूठा है, मेरे सब्र का बाँध भी अब टूटा है
वो मुझे मिला ही कब था इस जमाने में, जो मैं ये सोंचता हूँ की वो मुझसे छूटा है
18.दिल लगता नहीं है अब तुम्हारे बिना, खामोश से रहने लगे है तुम्हारे बिना,
जल्दी लौट के आओ अब यही चाह है, वरना जी ना पाएँगे तुम्हारे बिना..
19.नजरंदाज उन्हें करू जो नजर के सामने हो, उनका क्या करू, जो दिल में बस गए है..
वक्त ही नहीं मिलता मुझे दुखी होने का क्योंकि, उम्मीद ही नहीं करता मैं ज्यादा खुशी की..
20. तेरी दुआओ का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला,मुहब्बत उन्ही को मिलती है जिन्हे निभानी नही आती..
किस “जुर्म में छीनी गई “मुझसे मेरी हँसी, मैने तो किसी का “दिल दुखाया भी ना था
21.अधूरी मोहब्बत निभाना आखिर किसे नहीं आया? बताना मुझे नहीं आया, तो जताना उसे नहीं आया।
यूँ तो बिछाए हर तरफ जाल ही जाल थे मोहब्बत के,फसाना मुझे नहीं आया तो छुडाना उसे नहीं आया।
चुप्पी में भी जज्बातों की शिकायत बखूबी हुई लेकिन, सताना मुझे नहीं आया तो मनाना उसे नहीं आया।
अपनी अपनी जिंदगी के बस अपने अपने लम्हे,हँसाना मुझे नहीं आया तो रुलाना उसे नहीं आया।
22.मैने जब खुद से कहा..,तू मेरी दुआ भी कभी कबूल कर दे..
उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया..तू एक ही शख्स को माँगना छोड़ दे.
एक आईने सा आसमान में टंगा चाँद , तस्वीर इसमें भी तेरी ही नजर आती है |
इठलाती शम्मा सा मुकद्दर तेरे हिस्से , परवाने सी किस्मत रोज मुझे जलाती है |
24.कल रात को सपने में तुमसे मुलाकात हुई थी, कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी
हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे, भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी
25.खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते हैं, हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते हैं।
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं, हम असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं..
20. तेरी दुआओ का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला,मुहब्बत उन्ही को मिलती है जिन्हे निभानी नही आती..
किस “जुर्म में छीनी गई “मुझसे मेरी हँसी, मैने तो किसी का “दिल दुखाया भी ना था
21.अधूरी मोहब्बत निभाना आखिर किसे नहीं आया? बताना मुझे नहीं आया, तो जताना उसे नहीं आया।
यूँ तो बिछाए हर तरफ जाल ही जाल थे मोहब्बत के,फसाना मुझे नहीं आया तो छुडाना उसे नहीं आया।
चुप्पी में भी जज्बातों की शिकायत बखूबी हुई लेकिन, सताना मुझे नहीं आया तो मनाना उसे नहीं आया।
अपनी अपनी जिंदगी के बस अपने अपने लम्हे,हँसाना मुझे नहीं आया तो रुलाना उसे नहीं आया।
22.मैने जब खुद से कहा..,तू मेरी दुआ भी कभी कबूल कर दे..
उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया..तू एक ही शख्स को माँगना छोड़ दे.
23.तू तो वादा करके भी मुकर जाती है , तेरी याद बड़ी भोली है चली आती है |
दिन तो जैसे तैसे गुजर ही जाता है , रात बेरहम,आती है सितम ढाती है |
दिन तो जैसे तैसे गुजर ही जाता है , रात बेरहम,आती है सितम ढाती है |
एक आईने सा आसमान में टंगा चाँद , तस्वीर इसमें भी तेरी ही नजर आती है |
इठलाती शम्मा सा मुकद्दर तेरे हिस्से , परवाने सी किस्मत रोज मुझे जलाती है |
24.कल रात को सपने में तुमसे मुलाकात हुई थी, कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी
हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे, भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी
25.खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते हैं, हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते हैं।
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं, हम असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं..